रविवार, अप्रैल 08, 2018
भारतीय किसान
भारतीय किसान
गाँव की अगर बात की जाय तो यदि किसान की चर्चा न हो तो गाँव को गाँव नहीं कहा जा सकता है | गाँव तभी पूर्णमाना जायेगा जब वहाँ किसान उस गाँव में रहता हो | किसान की बात आते ही खेत खलिहान नजर आने लगता है |खेत खलिहान तभी होगा जब वहाँ पर किसान हो | किसान ही तो असली रूप से देश की रीढ़ की हड्डी होता है |किसान ही तो पूरे विश्व समुदाय को भूख से बचा कर रखता है | किसान तो एक बड़े अर्थव्यवस्था का संचालकहोता है | जिस देश में किसान न हो, वह देश बिना दूसरे देश के वगैर निर्भर रह ही नहीं सकता है | किसान ही तोअसली रंगत है | गाँव गली की चहल पहल बनी रहती है | किसान ही खेतों का जनक है | किसान ही देश कीहरियाली होता है | किसान समाज का पोषक होता है |
किसान
किसान गाँव में रहता है | बेहद सादगी पूर्ण जीवन जीता है | दुबला पतला होता है जो विश्व को खिलाता है | लगताहै कि वह कई दिन से खाया नहीं है, बेहद सरलता का लिबास ओढ़े,फटे पुराने कपड़ों में, हाथ में फावड़ा लिये खेतमें काम करता हुआ मिल जायेगा | बिना खाये पिये सुबह से डट जाता है जब तक तीन चार घंटे बीत न जाये, तबतक पानी तक नहीं पीता है | खेत ही उसके सच्चे माँ के समान है | पहले के किसान अनपढ़ होते थे | जमकर हाड़तोड़ मेहनत करते थे | आज का किसान पढ़ा लिखा है जो अब खेतों में उतना मेहनत नहीं करता है जितना पहलेके किसान करते थे लेकिन बिना फावड़ा उठाये खेती किसानी नहीं की जा सकती है | मिट्टी में लिपटा किसान अन्नउपजाने में पूरी जिन्दगी बिता देता है | किसी के सामने हाथ नहीं फैलाता है | घिघियाता नहीं है | जरूरत पड़ने परवह देश समाज के लिये स्वयं को न्योछावर कर देता है |
गाँव में रहने वाला किसान मिट्टी के बनाये मकान में रहता है | खपरैल से बने होते हैं या छप्पर में रहता हैलेकिन आज के किसान के पास समस्त सुविधाओं वाला घर मिल जायेगा | धीरे धीरे शहर गाँव में घुस रहा है | आनेवाले समय में गाँव की पहचान करना मुश्किल हो जायेगा | किसान भले अनपढ़ रहा है लेकिन अपने किसानी केमेहनत के बल पर अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर बड़ा बड़ा अफसर,डॉक्टर,नेता,अभिनेता तक पहुँचा दिया |यह सब कड़ी व अथक मेहनत का परिणाम ही रहा है जिसके चलते ये सब करिश्में हुये हैं | किसान की पत्नी भलेअनपढ़ रही लेकिन घूँघट में ही बाहर आकर अपने पति के साथ बराबर की हिस्सेदारी दी है | हर ढंग से खेतों मेंपरिश्रम करते हुये मिल जाती है, जो एक मिशाल रहा है | सुबह से ही उठकर जानवरों को सानी पानी देती है तथाभोजन बनाने के बाद पति के सहयोग के लिये सदैव तत्पर रही है,खेतों में औरतें भी कोल्हू का बैल बनी रही औरजमकर खेतों में काम करती हैं |
किसान
किसान ही पूरे विश्व समुदाय का पोषक है | जीवनहार है, खेलनहार है,किसान के बगैर हम तनकर जिन्दानहीं रह सकते हैं | किसान के मेहनत के बल पर शहरी जिन्दा हैं | देश की अर्थव्यवस्था में कमी नहीं आने दी |सरकार में भी अपनी भूमिका बनाई है | देश समाज को चमकाने में पीछे नहीं रहा है | जरूरत पड़ी तो देशहित केलिये अपने को न्यौछावर किया है | ऐसे महान कृषक को भुलाया नहीं जा सकता है | किसान ही तो असली सेवकहोता है | किसान किसी जरूरत मंद को मदद करने में आगे रहा है | कभी पीछे नहीं हटा | वह अपने देश से कुछभी नहीं लेता है बल्कि वह सदैव कुछ न कुछ जिन्दगी भर देता ही फिरता है जो हम लोगों को जिंदा रखा है | ऐसेमहान किसान को प्रणाम करता हूँ
किसान |
किसान |